Sunday, August 16, 2009

सब आंखे बयान करती हैं...

तू है पापी
तू
है भ्रष्ट
कितना
भी छिपाए तू
सब
आंखे बयान करती हैं।

मुंह में राम
बगल
में छुरी
कितना
भी बने तू
सब
आंखे बयान करती हैं।

मन में पाप
बातों
में संतवाणी
कितना
भी ठगे तू
सब
आंखे बयान करती हैं।

झूट बोले
रंग
बदले
कितना
भी छले तू
सब
आंखे बयान करती हैं।
मनोज कुमार राठौर

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