एक नेताजी की पहचान क्या होती है यह तो स्वयं नेताजी ही बता सकते हैं। लोग कहते हैं कि नेता सरकार है। पर इसकी व्याख्या तो स्वयं नेताजी ही कर सकते हैं और वही बता सकते हैं कि वह नेता क्यों हैं। इस कविता के माध्यम से नेताजी बताना चाहते हैं कि वह नेताजी क्यो हैं।
मनोज कुमार राठौर भोपाल
सफेद पोशाक पहनता हूं।
इसलिए मैं नेता हूं।।
भ्रष्टाचार का पुतला हूं।
इसलिए मैं नेता हूं।।
रिश्वत भी लेता हूं।
इसलिए मैं नेता हूं।।
नोट तंत्र का देवा हूं।
इसलिए मैं नेता हूं।।
छूटे वादे करता हूं।
इसलिए मैं नेता हूं।।
जिस थाली में खाता हूं
उसी में छेद करता हूं।
इसलिए मैं नेता हूं-2।।
Monday, August 18, 2008
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