मनोज कुमार राठौर
राजनीति पार्टियां चुनावी माहौल में वोट बाटौरने के लिए प्रचार के नये-नये हथकंडे अपना रही है। भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियों ने चुनाव प्रचार के लिए हाईटेक तरीका अपनाया है। यह सभी पार्टियां मोबाईल, इंटरनेट, प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक चैनलों के आलावा बोथलाइन(दो और चार पहिया वाहनों पर रात व दिन में से रात और दिन में) प्रचार कर रही है। स्वतंत्रता के दौरान हमारे राजनेताओं को प्रचार की एहमियत का पता नहीं था। हमारे देश में जैसे-जैसे विकास की गंगा बहती गई, वैसे-वैसे राजनेताओं ने प्रचार के तौर-तरीके भी सीखें। आज हमारा देश चहूमुखी विकास कर रहा है और इस विकास के साथ राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव के तरीकों में भी बदलाव किया। पहले जहां पार्टी चुनाव के प्रचार के लिए आम सभा का आयोजन रखती थी जिसमें लाखों लोग सिरकत भी करते थे। साईकिल, तांगे और बैलगाड़ियों से भी प्रचार किया जाता था लेकिन आज हवाई जहाज और चार पहिया वाहनों से प्रसार-प्रचार किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के स्टार प्रचारक शिवराज सिंह, बसपा प्रमुख मायावती और भाजशा की राष्ट्रीय अध्यक्ष उमा भारती भी हवाई जहाज से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अमेरीका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार-प्रचार तरीकों को भारतीय राजनीति में अपनाया जा रहा है। जहां दोनों दावेदारों ने डिजिटल मीडिया जैसे यू ट्यूब, ब्लाॅग, सोषियल नेटवर्क, आनॅलाइन पेटिषन्स, आॅनलाइन गु्रप्त, ई-मेल आदि का चुनाव प्रचार के लिए जमकर प्रयोग किया। भारतीय राजनीति पार्टियों में भाजपा ही इन हाईटेक संचार माध्यम का प्रयोग कर रहे हंै।
पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी बीमारी के कारण भाजपा का प्रचार-प्रसार करने में असमर्थ हैं, उनकी इस कमी को पूरा करने के लिए भाजपा ने उनके भाषण की एक सीडी बनाई और उसकी के माध्यम से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अपने प्रचार-प्रसार के लिए पार्टियां बड़ी-बड़ी विज्ञापन एजेंसी के शरण में जा रही हंै। हाईटेक प्रचार के लिए पार्टी अरबों रुपए खर्च कर देती है। यह धन चुनाव के वक्त तो पार्टियां लगा देती हंै लेकिन चुनाव जीतने के दौरान पलभर में वसूल भी कर लेती है। यही अरबों रुपए यदि देष के विकास कार्यों में लगाया तो शायद हमारे देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
वजन है सोच में लिखते रहिये
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