हवा में सांस मिलाकरबयान करता हूं
हम भी तूफ़ान ला सकते हैं-2
इतना कमजोर न समझ
हम वो बादल हैं
जो पानी गिरा सकते हैं-2
धैर्य मत आजमा
हम वो सेलाब हैं
जो समुद्र में आ सकते हैं-2
गलती जो रहे मेरी
हम वो बलिदानी हैं
जो सिर कटा सकते हैं-2
हवा में सांस मिलाकर
झुक-झुक करती ट्रेन
तू है पापी
-31 अगस्त, 2003: तीन आरोपी अशरत अंसारी [32], हनीफ सईद [46] और उसकी पत्नी फहमिदा सईद [43] गिरफ्तार।
-एक अक्टूबर, 2003: दो और आरोपी मोहम्मद अंसारी लड्डूवाला और मोहम्मद हसन बेटरीवाला पकड़े गए।
-दो अक्टूबर, 2003: एक और आरोपी जहीर पटेल :नाम बदल दिया गया है क्योंकि वह बाद में मामले में सरकारी गवाह बन गया: गिरफ्तार।
-पांच फरवरी, 2004: पोटा अदालत में छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल।
-पांच मई, 2004: पटेल सरकारी गवाह घोषित, पोटा अदालत ने माफी दी।
-20 जून, 2004: पांचों आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप तय किए गए।
-दो सितंबर, 2004: मुकदमे की सुनवाई शुरू।
-दिसंबर, 2008: सुप्रीम कोर्ट के पोटा समीक्षा समिति की रिपोर्ट को बरकरार रखा लड्डूवाला और बेटरीवाला को मामले से मुक्त किया गया।
-27 जुलाई, 2009: विशेष पोटा अदालत ने अशरत अंसारी, हनीफ सईद और उसकी पत्नी फहमिदा को दोषी ठहराया।
-चार अगस्त, 2009: अभियोजकों ने दोषियों को फांसी देने की मांग की।
विवाह पूर्व कन्याओं का सामूहिक गर्भ परीक्षण कराए जाने के मामले को सड़क से लेकर संसद और विधानसभा में बवाल खड़ा हो गया। यह मामला राज्य सभा में गूंजा और इसे मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने भी उठाया। राष्टीय महिला आयोग ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर शहडोल भेजने की तैयारी की है। आयोग अध्यक्ष गिरिजा व्या ने कड़ा रूख अपनाते हुए राज्य सरकार से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। विवाह समारोह में 14 युवतियां जांच में गर्भवती पाई गई थी। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर शहडोल में धरना देकर घटना की निंदा की। विरोध करने वालों ने विवाह समारोह में मौजूद रहे विधायक समेत तमाम जिम्मेदार आला अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
अब वे दिन दूर नहीं जब पप्पू संग दीपू और मीनू संग सीमा की बारात आप के घरों के बगल से गुजरेगी| भई पहले सुना था पप्पू पास हो गया है लेकिन अब तो दीपू, मीनू, सीमा सभी पास हो गए हैं| अब वो एक दुसरे को फ्लाइंग किस्स देंगे और पुलिस केवल मूकदर्शक बनी देखती रहेगी| भई! अब कौन धारा 14 और 21 का उल्लंघन करे| किसी के निजी कार्य में दखल देने का किसी को अधिकार नहीं है| बदलते ज़माने के साथ-साथ प्यार की परिभाषा भी बदल रही है| जुहू चौपाटी, विक्टोरिया पार्क में अब दो लड़के और दो लडकियां (माफ़ कीजियेगा वयस्क) इश्क लड़ायेंगे| और उनके मुह से निकलेगा " समलैंगिक सम्बन्ध " जरा जोर से बोलो करंट नहीं लगेगा| बहुत हो गयी मजाक और मस्ती...