Monday, November 3, 2008

जीना इसी का नाम है...


मनोज कुमार राठौर
जिंदगी के लिए आदर्श बनी
हारी जिंदगी को भी जी गई
अपनी अभिनव ,कलाओं से
वह आसमान को छू गई
ऐसे आगे बढ़़ते रहना ,सिर्फ तुम्हारा काम है
जीना इसी का नाम है-2...
देश के एक छोर से
एक नई रोशनी फूटी थी
एक नई किरण ले नया संदेशा
अग्निबाण सी छूटी थी
एक नई हवा ले ,नया राग ले
कुछ गाना ,जिसकी शान है
जीना इसी का नाम है-2...
पवन रोकती है मार्ग तुम्हारा
सरिता सा कारवा तुम्हारा
आशा की धारा हो तुम
कोई क्या रोकेगा ,इस लहर को
जो इस देश की आन है
जीना इसी का नाम है-2...
अम्बर से उतरी हो तुम
जीवन देने की मरू राहों में
नील गगन की परिवन के तुम
ज्ञान लुटाओ, चहूं दिशाओ में
तुम्हारे नाम से हमें अभिमान है
जीना इसी का नाम है-2...
तुफान थम गया स्वागत में
चारों मौसम राहांे में
तम के बादल छंटने लगे है
तुम्हें क्षितिज तक जाना है
गति जीवन की कभी न हो कम
इसका रखना तुम्हें ध्यान है
जीना इसी का नाम है-2...

2 comments:

  1. kavita acchi hai
    bat me dam or bhadna hai

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  2. is jamana mi to kisi ka pas daya nhi ha
    par ap ki kavita acchi hai

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