Wednesday, November 5, 2008

धर्म गुरू सवालों के बीच!


मनोज कुमार राठौर
भारत की इस पावन धरा पर न जाने ऐसे कितने महापुरूषों और विद्ववानों ने जन्म लिया है, जिनके विचार से आज भी लोग प्रभावित होते हैं। सभी धर्म के अपने-अपने धर्म गुरू होेते हैं और वह अपने-अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं। प्राचीन काल में गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म का और हजरत मोहम्मद ने इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार किया। यह सभी अपने-अपने धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करते थे ताकि लोग उनके धर्म को समझ सके। धर्म गुरू जगह-जगह जाकर लोगों को एकत्रित कर धर्म की ज्ञान का पाठ पढ़ते थे, धीरे-धीरे इन सभी महापुरूषों को धर्म गुरूओं की संज्ञा दी जाने लगी, लेकिन आज के इस युग में धर्म गुरूओं की परिभाषा बदल गई है। आज यह धर्म गुरू धन की लालसा में लोगों को महिमा मंडित करते हैं। अब धन के साथ-साथ इनकों तन की भुख लगने लगी हैं इसलिए यह अपने भक्तों के साथ अश्लील हरकत करते हैं। आज के सभी धर्म गुरू आए दिन सावलों में घिरे रहते हैं। आज के धर्म गुरूओं पर अत्याचार, प्रताड़ना, बाल मजदुरी, अश्लीलता , हत्या, भ्रष्टाचार, दुराचार, काले धंधे और अवैध तरीके से कब्जा करने का आरोप हैं।
धर्म गुरू पर से लोगों का विश्वास उठने लगा है। जब भी सत्संग या प्रवचन की बात होती है तो लोग उसमें भाग लेने से कतराते हैं। भारत की इस पावन भूमि को यह धर्म गुरू अपने कुकृत्य से दूषित कर रहंे हैं। आईबीएम 7 न्यूज़ चैनल ने इन धर्म गुरूओं के खिलाफ एक स्टिंग आपरेशन किया था जिसमे कई धर्म गुरूओं की काली करतूते लोगों के सामने आई थी। पंजाब में बाबा राम रहिम की कालगुजारी किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने किस तरह पहले महिलाओं के साथ अष्लील हरकत की और उसके बाद अपने वाहन चालक की मौत के मामले में विवादों में घिरे रहे। बाबा की ऐसी करनी के बाद भी वह आज भी आजाद है। ऐसा क्यो? यह जनता को पता है कि उनके साथ कई कानूनी अधिकारी और राजनीतिज्ञ नेता भी शामिल हैं जो इस काम में सक्रिय भुूमिका निभाते हैं। यदि उन्होंने बाबा को बेनाकाप किया तो उनकी भी पोल खुल जाएगी। इन सभी कारणों की वजह से उनकी फाइलें जल्द ही बंद हो जाती हैं। ऐसे में कानून बनाने वाले ही इन डोगियों को पनाहा दे रहा है, ऐसे में इनकी दुकानदारी कौन बंद कराएगा? अखबारों की लीड खबर बनने वाले धर्म गुरू इतने निर्डर हैं कि अब वह बलात्कार जैसे दुष्कर्म करने से भी नहीं खबराते। सत्संग की आड़ में यौन शोषण कर रहे लाल सांई उर्फ लाल बूलचंदानी के खिलाफ पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज किया। बस यह मामला दर्ज किया गया अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी। भोपाल के बैरागढ़ स्थित आश्रम के धर्म गुरू लाल सांई ने एक किशोरी के साथ बलात्कार किया। किशोरी ने लाल सांई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, वह दो साल पहले इस ढोंगी बाबा के संपर्क में आई थी। उस समय वह स्कूल में पढ़ती थी और केवल 14 साल की थी। वह अब एक इंजीनियरिंग काॅलेज में फस्र्ट ईयर की छात्रा है। लाल सांई ने उसे ध्यान सत्संग के नाम पर अपने आश्रम मंे बुलाया। वहां उसे एक महिला डाॅक्टर की मदद से नषीली दवा पिलाई गई और इसके बाद उसके साथ बलात्कार किया गया। ये सिलसिला वर्ष 2006 से चल रहा था। बाबा के चुंगल से निकलने के प्रयास किया तो बाबा ने उसे ब्लेकमेंल करना शुरू कर दिया, इस कारण उसने मुंह नहीं खोला। बाबा की काली करतुतों का भंडा आखिर फूट ही गया, छात्रा ने परेशान होकर इसकी शेकायत जब पुलिस से की तो पुलिस ने बाबा के आश्रम पर छापा मारा तो वह नौ दो ग्यारहा हो गया। इस शैतान को पहले से यह खबर मिल गई थी कि उसके आश्रम पर पुलिस छापा मारने वाली है। इससे यह बात सामने आती है कि आश्रम पर छापे की खबर बाबा को किस ने दी। इस बात का पता तो पुलिस को ही था। अब इसका क्या मतलब निकाला जाए? पुलिस के कई आला अधिकारी पर शक की सुई घुम गई है। जब यह बात मीडिया में आई तो पुलिस दबाव में आई और जांच शुरू की। आज इस मामले में कई बड़े नेता, अधिकारी और ख्याति प्राप्त व्यक्ति भी शामिल हैं, लेकिन यह सब बाते हवा में हैं किसी के विरूद्व कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बाबा की इस कालगुजारी से जनता आक्रोषित तो हुई लेकिन कुछ कर न सकी। जब हमारे देश का कानून ही विकलंाक है तो उस देश की व्यवस्थाएं कैसी होगी?

आशाराम बापू के आश्रम में बच्चों की मौत का रहस्य अभी भी नहीं सुलझ सका है। यह मुद्दा तो मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा था, इसके अलावा आज भी ऐसे कई मामले हैं जो मीडिया से सामने नहीं आ सके हैं। किशोरियों के साथ दुष्कर्म के मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। धर्म गुरूओं की इन हरकतों ने सम्पूर्ण भारत की आस्था पर चोट की हैं। इस पवित्र और निर्मल देश को जिन धर्म गुरूओं ने अपने विचारों और कर्मों से सिंचा है, आज उनकी मेहनत पर यह डोगी धर्म गुरू पानी फेर रहे हैं।

कुछ तो मर्यादा का ध्यान करो।
तुम हो विचारक, कुछ तो शर्म करो।।


5 comments:

  1. rathaur ji aapne bahut achha mudda uthaya hai. is samay darm guru apne sath-sath desh ki chhavi ko bhi karab kar rahe hain. abhi aasharam bapu bhi katghare me aa gaye the. baut hi chintan ka vishya hai ki ye sochte kyon nahi hain.?

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  2. कंचन-कामिनी में फ़से,उनका ऐसा हाल.
    धर्म-कर्म पीछे रहा,बिगङ गई है चाल.
    बिगङ गई है चाल,देश का नाम डूबोते.
    शाश्वत-संस्कृति कि मुंह पर ये कालिख पोते.
    कह साधक कवि,हे भगवान ! बचा ले भारत.
    तीव्र गति से इन्डिया बनता जाये भारत.

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  3. aapka artical pada achcha laga lakin maaf keejiyega.jin logon ko aapne dharm guru ki sangya de di hai, wo na to dharm guru hain or na hi sant.inki dukaan hum jaise padhe likhe logon ki wajah se.aaaj humare desh ka sabse bada scientist bhi kundlee milwakar shadi karta hai...pahle bhartiyon ki soch ko scientific kiya jaye fir un par comment kiye jayen to jyada behtar hoga.aap log apne blog se comment karne ki apeksha.jagrukta laayen..tub bharat se andh vishwas apne aap khatm ho jayega.or in subki dukane apne aap band ho jayengi....thanks 2 u manoj

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  4. अच्छा सवाल उठाया है आपने.

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  5. apka vichar achcha hai. lekin ise jan-jan tak pahunchna chahie. aksar jo log eisa kahte hain, unke swayam ke jeevan unhi vidrooptaon se bhare hote hain. apne aas pass dekho usse pahle apne ander ki vyavastha dekho aur vichar karo ki ap kya hain aur kis tarah se app un vidroopataon ko badhane me sahayata de rahe hain.
    Manoj Anuragi
    dehradun, Uttrakhand

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