नेताओं की अग्निपरीक्षा का समय आ गया है। चुनावों की इस घमासान लड़ाई में नेताओं की क्या प्रतिक्रिया रहती है, इसी को अपनी कविता के माध्यम से लिखने की कोशिश कर रहा हूँ।
मनोज कुमार राठौर
१
चुनावों का शंखनाद
नेताओं के आश्वासन
पार्टियों के घोषणा पत्र
सभी हैं दिखावे
हमें अपना काम करने दो।
२
घोषणाओं का अंबार
कार्य के प्रति कर्मठ
सत्ता बनेगी तो काम करेगें
सभी हैं दिखावे
हमें अपना काम करने दो।
३
रैली और पद यात्रा
झुग्गी-बस्ती का दौरा
जनता के छूते पैर
सभी हैं दिखावे
हमें अपना काम करने दो।
४
जातिगत वोटों को बढ़ावा
भाषण में सामप्रदायिकता
सरकारी नौकरी का लालच
सभी हैं दिखावे
हमें अपना काम करने दो।
५
जेब गरम करने का तरिका
भ्रष्टाचार के तुम पुतले
आंखों से काजल मत चुराओं
सभी है दिखावे
हमें अपना काम करने दो
६
मौसम आते और जाते हैं
जो बोलो वह करके दिखाओ
झुठ मत बोलो भाई
सभी हैं दिखावे
हमें अपना काम करने दो।
Monday, October 20, 2008
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