1
यकीन किस पर करूं
सब यूं बेबफा निकले
जिस पर किया भरोसा
वह भी दगेबाज निकाले।
२
हर पल उसके साथ
वह हमारे खास थे
दगा हमने नहीं दिया
फिर भी वे चलाक निकाले।
३
क्या करोगे सियाने बनाकर
मालूम है फितरत तुम्हारी
वक्त ने हमें बांध दिया
वक्त ने हमें बांध दिया
ऐसे हमारे हलात निकले।
४
किसी मोड़ पर टकराओगे
हम तुम्हारे काम आयेगें
फिर मत कहना दोस्त
हम तुम्हारे काम आयेगें
फिर मत कहना दोस्त
तुम गलत, हम पाक निकले।
मनोज कुमार राठौर
वह भी दगेबाज निकाले।
ReplyDeleteवह भी दगेबाज निकले। ...
अगले छंद में भी...यही!!
बेहतरीन रचना...बधाई.