सोते-सोते याद आया
मुझे कुछ लिखना है
वही पुरानी कलम
सफेद कागज पर घिसना है।
२
सोचा क्या लिखंू
मगर कुछ लिखना है
वही पुरानी कलम
सफेद कागज पर घिसना है।
३
लेखक कहलाता हूं
किसी पर तो लिखना है
वही पुरानी कलम
सफेद कागज पर घिसना है।
४
खबरें तो बहुत लिखी
किसी भ्रष्ट नेता पर लिखना है
वही पुरानी कलम
सफेद कागज पर घिसना है।
५
इस कला से इतिहास लिखूं
किसी से क्या डरना है
वही पुरानी कलम
सफेद कागज पर घिसना है।
मनोज कुमार राठौर
वही पुरानी कलम सफेद कागज पर खिसना है। ....
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है ...
अनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
सही कहा ...विचार कुछ भी हों....कलम वही....कागज वही..अच्छा लिखा।
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